- कोई चुप्पी मौन नहीं होती.चीखते उद्गारों पे लगा प्रतिबन्ध होता है मौन.शब्दों की अजीब नगरी में छुपा सच होता है मौनशांत, गंभीर विशेषणों की चाशनी में आरोपितकिसी अल्हड़ व्यक्तित्व का सच होता है मौन .हर विस्मृत की गई आवाज़ की अनुगूंज होता है मौन .शब्द मात्र छलावा हैधोखा, फरेब , झूठ .सृजन मात्र है उन तरकीबों काजिनसे मौन पर पर्दा डाला जा सके ,जिनसे इंगित चेष्टाओं के गाम्भीर्य पेमतलब की बात थोपी जा सके .शब्द बांध नहीं पातेजज़्बात और आरोपित लक्ष्य को .मात्र असफल कोशिश होते हैं शब्दमन से गुण को पाटने वाले संकरे पुलजहाँ सिद्धांतो के चढ़ावे पेभेंट चढ़ जाती हैं कई अभिव्यक्तियाँ .जैसे परदेस में बहते आंसूसिसकियों की भाषा नहीं बन पातेवो टूट जाते हैंनिस्सार सामाजिक संबोधनों में .वैसे ही जैसे वो मजबूत कंधेनहीं बन पाते बिखरे उन केशों का आलंबन .जैसे शर्माती सर्दियों की धूपनहीं चूम पाती पूरे आँगन को .शब्द होते ही हैं अपूर्णमौन का एक लघु , पेचीदा परिचय .मौन होता है सचशब्द चीखता असत्य ...
If life is about exploration,i am ready to expedite the process........words might ease out the journey....
Wednesday, November 2, 2011
मौन और शब्द
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Good one! Just a suggestion. Try using a hindi font for a poetry in hindi. It has a better impact!
ReplyDeletePoint noted, sir. Just that the transliteration option fails me most of the time..hence this...:)
ReplyDeleteyet another amasing 1
ReplyDeleteluvd reading!!
Richa.
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ReplyDeletesee it here click here to investigate click to read more use this link moved here he said
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