सिगरेट के उस आखिरी कश तक
तुम मेरे साथ थे
अचानक क्या हुआ तुम्हे या हमारे वजूद को?
धुंए के साथ उड़ता गया मेरा, तुम्हारा
हमारा साथ?
या तुम इंतज़ार करते रहे
आखिरी कश के उड़ते जाने का?
तुमने उड़ान चाहा था
या थमाव?
समझ गयी होती तो
शायद सिगरेट की राख जैसी
बर्बाद नहीं होती।
तुम मेरे साथ थे
अचानक क्या हुआ तुम्हे या हमारे वजूद को?
धुंए के साथ उड़ता गया मेरा, तुम्हारा
हमारा साथ?
या तुम इंतज़ार करते रहे
आखिरी कश के उड़ते जाने का?
तुमने उड़ान चाहा था
या थमाव?
समझ गयी होती तो
शायद सिगरेट की राख जैसी
बर्बाद नहीं होती।
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