मेरे जाने के बाद अगर एक चीख भर भी बच जाए
तो शायद बहुत कुछ कह गयी मैं.
मेरे जाने के बाद अगर ये टीस भी दे जाए
तो शायद बहुत कुछ कर गयी मैं.
मेरे रहते अगर कभी कभार ही सही एक विध्वंस होता सा दिखे
तो शायद नयी परिभाषाएं गढ़ गयी मैं.
मेरे रहते अगर ज़रा सा भी चैन कभी मिलता सा लगे
तो ज़रा सा ही सही ज़ायका ज़िन्दगी में भर गयी मैं.
मेरे रहते अगर कभी कभार ही सही एक विध्वंस होता सा दिखे
तो शायद नयी परिभाषाएं गढ़ गयी मैं.
मेरे रहते अगर ज़रा सा भी चैन कभी मिलता सा लगे
तो ज़रा सा ही सही ज़ायका ज़िन्दगी में भर गयी मैं.
No comments:
Post a Comment